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बच्चों में माइग्रेन
Neurology

बच्चों में माइग्रेन: कारण, लक्षण, उपचार और जीवनशैली से राहत के उपाय

admin May 23, 2025

परिचय: जब बच्चे कहें "मम्मी, सिर में बहुत दर्द है"

बचपन की मासूमियत में जब कोई बच्चा सिरदर्द की शिकायत करता है, तो यह केवल एक सामान्य दर्द नहीं होता। यह माइग्रेन हो सकता है, जो उनकी पढ़ाई, खेल और नींद को प्रभावित कर सकता है। माता-पिता के लिए यह समझना आवश्यक है कि यह सिरदर्द असामान्य है और इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। इस लेख में हम बच्चों में माइग्रेन के कारणों, लक्षणों, उपचार और जीवनशैली से जुड़े उपायों पर विस्तृत चर्चा करेंगे, ताकि आप अपने बच्चे को बेहतर देखभाल और समर्थन प्रदान कर सकें।

बच्चों में माइग्रेन क्या है?

माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जो बच्चों में भी देखा जाता है। यह सिर के एक या दोनों ओर तीव्र, धड़कते हुए दर्द के रूप में प्रकट होता है, जो मतली, उल्टी, प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता के साथ हो सकता है। बच्चों में माइग्रेन का प्रकोप 5 से 10 वर्ष की आयु के बीच शुरू हो सकता है और किशोरावस्था में यह अधिक सामान्य हो जाता है।

बच्चों में माइग्रेन के प्रकार

  • आभा के बिना माइग्रेन (Migraine without Aura): यह सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें सिरदर्द के पहले कोई चेतावनी संकेत नहीं होता।
     
  • आभा के साथ माइग्रेन (Migraine with Aura): इसमें सिरदर्द से पहले दृश्य या संवेदी गड़बड़ी होती है, जैसे कि चमकती रोशनी या झिलमिलाहट।
     
  • पेट का माइग्रेन (Abdominal Migraine): बच्चों में यह प्रकार पेट दर्द, मतली और उल्टी के रूप में प्रकट होता है, बिना सिरदर्द के।
     
  • क्रोनिक माइग्रेन (Chronic Migraine): यदि महीने में 15 या उससे अधिक दिन माइग्रेन होता है, तो इसे क्रोनिक माइग्रेन कहा जाता है।

बच्चों में माइग्रेन के कारण

  • आनुवंशिकता: यदि परिवार में किसी को माइग्रेन है, तो बच्चे में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
     
  • पर्यावरणीय कारक: तेज रोशनी, तेज आवाज, मौसम में बदलाव आदि माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं।
     
  • आहार संबंधी कारण: चॉकलेट, चीज़, कैफीन युक्त पेय आदि कुछ खाद्य पदार्थ माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं।
     
  • तनाव और नींद की कमी: स्कूल का दबाव, परीक्षा का तनाव और अपर्याप्त नींद माइग्रेन को उत्पन्न कर सकते हैं।

बच्चों में माइग्रेन के लक्षण

  • सिर के एक या दोनों ओर धड़कता हुआ दर्द
     
  • मतली और उल्टी
     
  • प्रकाश और ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता
     
  • दृष्टि में गड़बड़ी (आभा)
     
  • थकान और चिड़चिड़ापन
     
  • भूख में कमी

निदान

बच्चों में माइग्रेन का निदान चिकित्सक द्वारा उनके लक्षणों, पारिवारिक इतिहास और शारीरिक परीक्षण के आधार पर किया जाता है। कभी-कभी MRI या CT स्कैन की आवश्यकता हो सकती है, ताकि अन्य संभावित कारणों को बाहर किया जा सके।

बच्चों में माइग्रेन का उपचार

औषधीय उपचार:

  • ओवर-द-काउंटर दवाएं: जैसे कि पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन।
     
  • ट्रिप्टान्स: गंभीर मामलों में डॉक्टर ट्रिप्टान्स जैसी दवाएं लिख सकते हैं।
     
  • निवारक दवाएं: यदि माइग्रेन बार-बार होता है, तो डॉक्टर बीटा-ब्लॉकर्स, एंटी-डिप्रेसेंट्स या एंटी-एपिलेप्टिक दवाएं सुझा सकते हैं।

गैर-औषधीय उपचार:

  • संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT): तनाव प्रबंधन में सहायक।
     
  • बायोफीडबैक और माइंडफुलनेस: माइग्रेन की तीव्रता और आवृत्ति को कम करने में मददगार।
     
  • आयुर्वेदिक उपाय: आंवला, तुलसी, धनिया, सौंफ, खीरा और पुदीना से बना देसी जूस माइग्रेन में राहत दे सकता है।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

  • यदि माइग्रेन के लक्षण बार-बार या अधिक तीव्रता से प्रकट हों।
     
  • सिरदर्द के साथ उल्टी, दृष्टि में गड़बड़ी या बेहोशी हो।
     
  • माइग्रेन दवाओं से राहत न मिले।
     
  • स्कूल या दैनिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न हो।

निवारण के उपाय

  • नियमित नींद: बच्चों को प्रतिदिन 8-10 घंटे की नींद सुनिश्चित करें।
     
  • स्वस्थ आहार: नियमित भोजन करें और माइग्रेन ट्रिगर करने वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
     
  • हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आवश्यक है।
     
  • नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 3-5 दिन 30 मिनट का व्यायाम करें।
     
  • तनाव प्रबंधन: ध्यान, योग और गहरी सांस लेने के अभ्यास से तनाव कम करें।
     
  • सिरदर्द डायरी: माइग्रेन के ट्रिगर्स और लक्षणों को ट्रैक करने के लिए डायरी रखें।

निष्कर्ष

बच्चों में माइग्रेन एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय स्थिति है। सही जानकारी, समय पर निदान और उचित उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चे के लक्षणों पर ध्यान दें और आवश्यकतानुसार चिकित्सकीय सलाह लें। जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव और नियमित दिनचर्या अपनाकर माइग्रेन के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. क्या बच्चों में माइग्रेन का इलाज संभव है?
हालांकि माइग्रेन का पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन उचित उपचार और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

2. क्या माइग्रेन उम्र के साथ ठीक हो सकता है?
कुछ बच्चों में उम्र के साथ माइग्रेन की तीव्रता और आवृत्ति कम हो सकती है, लेकिन यह सभी पर लागू नहीं होता।

3. क्या माइग्रेन के लिए घरेलू उपाय प्रभावी हैं?
कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय, जैसे कि आंवला और तुलसी से बना जूस, माइग्रेन में राहत दे सकते हैं, लेकिन इन्हें डॉक्टर की सलाह के साथ ही अपनाना चाहिए।

4. क्या माइग्रेन के कारण बच्चे की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है?
हां, माइग्रेन के कारण ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, थकान और अनुपस्थिति के कारण पढ़ाई प्रभावित हो सकती है।

5. क्या माइग्रेन के लिए विशेष आहार की आवश्यकता होती है?
माइग्रेन ट्रिगर करने वाले खाद्य पदार्थों से बचना और संतुलित आहार लेना फायदेमंद होता है।

यदि आपके बच्चे को माइग्रेन की समस्या है, तो आज ही विशेषज्ञ से परामर्श लें और उचित उपचार शुरू करें। सही देखभाल से आपका बच्चा फिर से स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकता है।

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